जय चंडी जय शीतला माई

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निर्मल स्वच्छ कल–कल बहती गंगा की धार  दुःख दूर हो जाते माई जब आते हम तेरे द्वार ना  थी  नोकरी  ना चल रहा था कोई व्यापार तब माँ चंडी शीतला माई ...

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